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यमुना अथॉरिटी के नए शहर में नहीं होंगी झुग्गी-झोपड़ी, जानें प्लान

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नोएडा. साल 2041 को ध्यान में रखते हुए यमुना अथॉरिटी (Yamuna Authority) मास्टर प्लान तैयार कर रही है. मंगलवार को प्लान तैयार करने वाली कंपनी ने अथॉरिटी के सामने प्लान का डिजाइन पेश किया. खास बात यह है कि नए शहर में झुग्गी-झोपड़ी (Slum) के लिए कोई जगह नहीं होगी. किसी भी हाल में मजदूरों को झोपड़ी डालकर रहने की इजाजत नहीं होगी. जो भी संस्था ऐसे मजदूरों से काम लेगी उसे ही उनके रहने का इंतजाम करना होगा. इसके लिए अथॉरिटी ने एक नया प्लान बनाया है. मास्टर प्लान (Master Plan) के मुताबिक इंडस्ट्रियल एरिया के पास में ही रेजिडेंशियल एरिया भी बसाया जाएगा. पार्क (Park) और खेलकूद के मैदान विकसित किए जाएंगे. यमुना अथॉरिटी के अफसरों का मानना है कि देश में पहली बार इस तरह का प्लान तैयार हो रहा है. अब इस प्लान को अथॉरिटी की बोर्ड बैठक में पेश किया जाएगा.

20 साल बाद 39 लाख हो जाएगी आबादी

यमुना अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि नए मास्टर प्लान में लॉजिस्टिक सिटी, फन सिटी, स्पोर्ट्स सिटी का प्रस्ताव दिया गया है. इतना ही नहीं फाइनेंशियल सिटी, इलेक्ट्रॉनिक सिटी आदि बसाने का प्रस्ताव भी शामिल है. 2041 तक यमुना अथॉरिटी के सेक्टर्स में 39 लाख के करीब आबादी हो जाएगी और इसके लिए कम से कम 8 लाख घरों की जरूरत होगी. वहीं जनसंख्या के अनुसार लगभग 12 हजार हेक्टेयर जमीन व्यावसायिक इस्तेमाल लिए भी चाहिए होगी.

नए शहर में होगा सर्विस कॉरिडोर

यमुना अथॉरिटी मास्टर प्लान के तहत नए शहर में सर्विस कॉरिडोर भी बनाया जाएगा. कॉरिडोर को नए डिजाइन के साथ बेहद खूबसूरत बनाया जाएगा. इस सर्विस कॉरिडोर में रेहड़ी पटरी, मोची, धोबी, नाई, सब्जी विक्रेता समेत अन्य सभी तरह के लोगों को कारोबार करने के लिए जगह दी जाएगी. प्लान के मुताबिक यह सर्विस कॉरिडोर वेंडिंग जोन का ही एक विकसित रूप होगा.

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नीचे दुकानें ऊपर घर बनाए जा सकेंगे

मास्टर प्लान में जेवर एयरपोर्ट के पास एरोपोलिस सिटी विकसित करने की रिपोर्ट का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट में ओलंपिक पार्क, ओलंपिक विलेज, गोल्फ कोर्स, सेंट्रल बिजनेस सेंटर, वेयर हाउस, लॉजिस्टिक हब जैसी बड़ी योजनाओं के बारे में भी बात की गई है. लेकिन इस सब के बीच अच्छी बात यह है कि यहां कारोबार करने वालों को दुकान के ऊपर मकान बनाने की छूट दी जाएगी. अथॉरिटी के अफसरों के मुताबिक यह तरीका यूरोपीय देशों में अपनाया जाता है.

नए मास्टर प्लान में हर काम के लिए छोड़ी गई है जमीन

यमुना अथॉरिटी के नए मास्टर प्लान में हर काम के लिए जमीन भी चिन्हित कर दी गई है. जैसे इंडस्ट्रियल लैंड के लिए करीब-20 फीसदी, मिश्रित भूमि उपयोग करीब 15 फीसदी, आवासीय 12 फीसदी, व्यावसायिक में 8 फीसदी, ग्रीन बेल्ट में 35 फीसदी, सड़क आदि में 10 फीसदी जमीन का उपयोग किया जाएगा. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बाद यमुना में हरियाली को लगभग दोगुना कर दिया गया है.

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Tags: Industrial units, Jewar airport, Park, Yamuna Authority

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