strictness on students who bring bikes and scooters to schools

Strictness On Students Who Bring Bikes And Scooters To Schools – Amar Ujala Hindi News Live

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स्कूटी
– फोटो : प्रतीकात्मक

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अब नाबालिग बच्चे सड़कों पर वाहन नहीं चला सकेंगे। ऐसा होने पर इसकी सजा उनके अभिभावकों को मिलने वाली है। सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। शासन के इस आदेश के बाद डीआईओएस से भी स्कूलों में बाइक और स्कूटी लाने वाले छात्रों के साथ सख्ती बरतने के आदेश भी दिए हैं। वहीं, हर बोर्ड के स्कूल का विवरण मांगा गया है कि पार्किंग में कितने दो पहिया वाहन खड़े होते हैं।

सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले ज्यादातर बच्चे 18 वर्ष से कम आयु के होते हैं। जिसे देखते हुए किसी भी नाबालिग के सार्वजनिक स्थान पर वाहन चलाने की रोक लगाई गई है। इस्तेमाल किए गए वाहन के रजिस्ट्रेशन को एक साल के लिए निरस्त कर दिया जाएगा। ऐसे किशोर का फिर 25 की आयु पूरी करने के बाद ही लाइसेंस बन सकेगा। इस फैसले का अभिभावकों ने भी स्वागत किया है। इस विषय में एसपी यातायात मुकेश चंद्र उत्तम कहते हैं कि अभिभावकों को चेतावनी है कि नाबालिग बच्चों काे वाहन  न दें। अगर उनके द्वारा या उनकी टीम के द्वारा चेकिंग में वाहन चलाते ऐसे बच्चे पकड़े गए तो कार्रवाई होगी।

ये फैसला सराहनीय है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। अभिभावकों को बच्चों के प्रति सजग रहने की जरूरत हैं। नाबालिग बच्चों को वाहन न दें। -अनुराग गुप्ता, प्रभारी, अलीगढ़ अभिवावक एसोसिएशन

नाबालिग बच्चे अगर सड़क पर वाहन चलाएंगे, तो हादसे होना आम बात है। अभिभावकों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है। स्कूल वालों को भी सख्ती करनी चाहिए। -स्नेहा सिंह, अभिभावक

बदलते परिवेश में अभिभावक अपने बच्चों को वाहन की सुविधा सबसे पहले मुहैया कराते हैं। स्कूल जाने के लिए बस का प्रबंध है। बाजार जाने के लिए बच्चों का साइकिल दें। -चिराग वार्ष्णेय, अभिभावक

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