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हाइलाइट्स
नेताजी मुलायम सिंह यादव का निधन
गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस
अखिलेश के शैक्षिक गुरु अवध किशोर वाजपेयी की बताए नेताजी के किस्से
इटावा: सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव नहीं रहे. उन्होंने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार को अंतिम सांस ली. उनके स्वस्थ होने के लिए लोग हवन कर रहे थे. भगवान से मन्नत मांग रहे थे. लेकिन नेता जी ने आखिरकार 82 साल की उम्र में आज दुनिया को अलविदा कह दिया. पीछे रह गई मुलायम सिंह यादव से जुड़ी यादें. नेता जी का स्वभाव ही कुछ ऐसा था कि वो अपनों के चहेते थे. राजनीति में विरोधी भी उनके व्यक्तित्व की तारीफ करते थे. नेता जी के गृह जिले उत्तर प्रदेश के इटावा में बहुत लोगों से उनके मधुर रिश्ते आज भी चले आ रहे हैं. इन्ही में से हैं एक सिविल लाइन इलाके में रहले वाले अंग्रेजी के रिटायर्ड शिक्षक अवध किशोर वाजपेयी. आइए आज हम आपको नेताजी के जिंदादिली के कुछ किस्से अखिलेश के शैक्षिक गुरू अवध किशोर बाजपेई की जुबानी बताते हैं.
मुलायम सिंह यादव से अवध किशोर वाजपेयी के रिश्ते साल 1977 से बने हुए थे. अवध किशोर वाजपेयी बताते हैं कि बरसों पहले वे बिचपुरी खेड़ा स्कूल के प्रबंधक गया प्रसाद वर्मा के स्कूल में अध्यापक हुआ करते थे. गया प्रसाद वर्मा मुलायम सिंह यादव के बेहद करीब थे. गया प्रसाद वर्मा की एक खासियत थी वो नेता जी को सुबह जगाने से लेकर शाम को सुलाने तक उनके साथ ही रहा करते थे. नेता जी वर्मा जी की क्षमता और ताकत को जानते थे. 1989 मे अपनी पहली सरकार बनने पर नेता जी ने गया प्रसाद वर्मा को सहकारिता मंत्री बना कर सम्मान दिया.
अमरूद खाने के शौकीन थे नेताजी
अवध किशोर वाजपेयी मानते हैं कि मुलायम सिंह यादव तूफानों में हिमगिर समान चलने वाले और फौलादी संगीनों से ना डरने वाले थे. मुलायम सिंह यादव चट्टान की तरह थे, उनके पास किसी भी दल का कोई भी शख्स पहुंचा तो उन्होंने उसकी मदद को हाथ जरूर बढ़ाया. वाजपेयी ने बताया कि 1959 में नेता जी मुलायम सिंह यादव इटावा के के.के.डिग्री कालेज में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए आये थे. तब से नेता जी से उनका रिश्ता बरकरार चला आ रहा था. वाजपेयी जी ने कहा कि नेता जी के साथ मेरे बडे़ भाई भी पढ़ाई करते थे. उस दौरान मुलायम सिंह यादव, इटावा के मशहूर वकील सिद्धनाथ पांडे के आवास में भी काफी लंबे समय तक रहे थे. वाजपेयी बताते हैं कि पांडे जी के घर के थोड़ी ही दूरी पर उनका घर है. जहां पर एक समय अमरूद का बड़ा बाग हुआ करता था. वहां अमूमन नेता जी अमरूद खाने के लिए आते रहते थे. नेता जी बाग से अमरूद तोड़ कर खाना पंसद करते थे.
वाजपेयी पर था अखिलेश को अंग्रेजी पढ़ाने का जिम्मा
वाजपेयी ने बताया कि जब 1980 में नेता जी अपने बेटे अखिलेश को अंग्रेजी की पढ़ाई का जिम्मा उन्हें सौंपा तब से उनके रिश्तों में और प्रगाढ़ता आ गई. अंग्रेजी के रिटायर्ड शिक्षक अवध किशोर वाजपेयी मजाक-मजाक में एक पुराने वाकया का ज्रिक कर हंसते हुए बताते हैं कि इटावा की गलियों में एक समय इस बात की चर्चाएं आम थी कि वाजपेयी के घर के कुत्ते भी अंग्रेजी बोलते हैं. इस तरह के किस्से इसलिए प्रचालित थे क्योंकि उनके चाचा इस्लामिया इंटर कॉलेज में अंग्रेजी के शिक्षक थे. इसलिए नेता जी ने यह बात जान ली थी कि वाजपेयी के यहां पर अंग्रेजी का माहौल बेहद अच्छा है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने बेटे अखिलेश को अंग्रेजी पढ़ाने का जिम्मा उनको सौंपा था. अवध किशोर वाजपेई ऐसे चंद ऐसे लोगों में हैं जिनको अखिलेश यादव सबसे अधिक पंसद करते हैं.
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Tags: Akhilesh yadav, Etawah news, Mulayam Singh Yadav, Mulayam singh yadav news, Uttarpradesh news
FIRST PUBLISHED : October 10, 2022, 10:21 IST
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