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प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है. पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर अपनी शिष्या से दुराचार के गंभीर आरोप हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट अदालत में लंबी चली सुनवाई के बाद उनकी अग्रिम जमानत पर निर्णय सुरक्षित कर लिया है. स्वामी चिन्मयानंद की अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई जस्टिस समित गोपाल की सिंगल बेंच में हुई.
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ वर्ष 2011 में आश्रम की एक शिष्या को बंधक बनाकर दुराचार करने के आरोप में शाहजहांपुर कोतवाली में एफआईआर दर्ज है. पुलिस ने इस केस में चार्जशीट दाखिल कर दी है. केस में धारा 376 व 506 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है. राज्य सरकार ने नौ, मार्च 2018 को चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज दुराचार के केस को वापस लेने का फैसला लिया और कोर्ट में अर्जी दाखिल की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
निचली अदालत के इस फैसले को वर्ष 2018 में ही चुनौती दी गई थी. स्वामी चिन्मयानंद की ओर से 76 साल की उम्र होने और कई गंभीर बीमारियां होने के आधार पर राहत की मांग की गई थी. हाईकोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को 30 अक्तूबर तक शाहजहांपुर की अदालत में हाजिर को कहा और अर्जी देने पर निचली अदालत को निर्णय लेने का निर्देश दिया था. इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद की ओर से शाहजहांपुर की अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दी गई, जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया. इस पर यह अर्जी दाखिल की गई है.
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Tags: Allahabad high court, UP news
FIRST PUBLISHED : December 20, 2022, 23:04 IST
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