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पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री कल्याण सिंह
– फोटो : फाइल फोटो
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राम मंदिर आंदोलन के नायकों में शुमार स्व. कल्याण सिंह को राम भक्त व हिंदू हृदय सम्राट यूं ही नहीं कहा जाता। उनके रोम-रोम में राम बसते थे। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंतिम समय में जब वह बीमार थे और बिस्तर पर थे। एक दिन मुझसे बोले, अयोध्या में भगवान श्री राम के दर्शन करके आया हूं। वह भगवान श्री राम के मंदिर की स्थापना को लेकर आतुर थे। उनकी अंतिम इच्छा 22 जनवरी को पूरी होने जा रही है। बाबू जी स्वयं किसी न किसी रूप में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन मौजूद रहेंगे और मैं खुद अपनी पत्नी प्रेमलता वर्मा के साथ वहां रहूंगा।
ये कहना है उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम स्व. कल्याण सिंह के एटा सांसद पुत्र राजवीर सिंह राजू का। स्व. कल्याण सिंह की जयंती पर उनसे बातचीत हुई तो वह भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उनके पिता ऐसे रामभक्त थे, जिसका अंदाजा लगा पाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने हर वर्ग, हर जाति की सोच से हटकर देश के लिए राम मंदिर स्थापना की दिशा में काम किया। उस दिन अगर उनके मुख्यमंत्रित्वकाल वाली सरकार में ढांचा न गिरा होता तो मंदिर निर्माण का रास्ता न बना होता। स्व. कल्याण सिंह द्वारा तैयार किए गए उसी रास्ते पर चलकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन-जन की भावना के अनुरूप काम किया और मंदिर स्थापना का काम पूरा हो रहा है। आज देश राम मय हो चुका है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर लोकसभा से 4-4 हजार रामभक्त वहां दर्शन को जा सकेंगे।
बाबू जी के अंतिम समय के किस्से को याद करते हुए राजवीर सिंह बताते हैं कि वह बीमार थे। बिस्तर पर थे और लखनऊ के अस्पताल में उपचार चल रहा था। मगर भगवान राम में लीन थे। अचेत हालत में अंतिम बार की बातचीत में जब मैंने उनका हाल पूछा था तो जवाब दिया था कि अयोध्या से भगवान श्री राम के दर्शन करके आया हूं। आज उनकी आत्मा कितनी खुश होंगी। मैं हूं कि ऐसे पिता की संतान बनने का मौका भगवान श्री राम ने दिया। जिसने भगवान श्री राम के लिए और उनके भक्तों के लिए साफ कहा कि गोली नहीं चलने दूंगा। न गोली चलने दी और अपने वचन पर अटल रहे। किसी कार सेवक या राम भक्त को एक खरोंच तक नहीं आने दी। इसके बाद हर एजेंसी की जांच के समक्ष सीना ठोककर खड़े रहे कि इस पूरे मसले पर मेरा दोष है। जो भी सजा देनी है, मुझे दी जाए। मुझे व मेरे परिवार को गर्व है। हम ऐसे नायक की संतान हैं।
5 जनवरी को लखनऊ आवास पर हर बार की तरह उनकी जयंती मनाई जाएगी। इसकी सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। इसके बाद 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए श्री राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट की ओर से मुझे व मेरी पत्नी पूर्व विधायक प्रेमलता वर्मा को निमंत्रण आया है। वहां उस गौरवशाली पल के साक्षी बनेंगे। उस दिन बाबू जी भी किसी न किसी रूप में वहां मौजूद होंगे।
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