मेरठ: पांडव टीले की खुदाई में मिले मानव हड्डियों के अवशेष और कांच बनाने वाले यंत्र

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मेरठ. मेरठ के हस्तिनापुर (Hastinapur) में एएसआई की टीम का उत्खनन (Excavation) कार्य जारी है. अभी तक उत्खनन में कांच बनाने का यंत्र, लंबी दीवार, प्राचीन दीवारों के अवशेष, चित्रित मृदभांड, प्राचीन बर्तनों के अवशेष, मिट्टी के बर्तन, चूड़ियां, आग में जली हुई हड्डियां और जानवरों की हड्डियों के अवशेष मिले हैं. ख़ासतौर से हड्डियों के अवशेष की रिसर्च की जा रही है. दिल्ली से आई विशेष टीम ने हड्डियों के सैंपल (Bone Samples) पर अध्यन करना शुरू कर दिया है कि ये कौन से काल खण्ड की हैं.

दरअसल, हस्तिनापुर के पांडव टीले पर चल रही खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग की टीम को कई प्राचीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए. मिट्टी में दबे इन अवशेषों के बाहर निकलने पर पुरातत्व विभाग की टीम उत्साहित है. कस्बे में मौजूद प्राचीन पांडव टीले पर मेरठ सर्किल के पुरातत्व विभाग के अधिकारी डेरा डाले हुए हैं. अभी तक हुई खुदाई के दौरान ऐसे कई तथ्यात्मक रहस्य नजर आए हैं, जिसमें पता लगा है कि यहां पर अलग-अलग काल खंडों में अलग-अलग वस्तुएं भी बनाई जा चुकी हैं. करीब 7 मीटर की खुदाई नीचे तक पहुंच चुकी है जिसमें कई चौकाने वाले रहस्य प्राप्त हो रहे हैं. वहीं, अभी तक प्राप्त हुए कई अनसुलझे रहस्य को समझने के लिए पुरातत्व विभाग गहनता से अध्ययन कर रही है.

कार्बन डेटिंग के लिए सुरक्षित रख लिया गया था
वहीं, बीते हफ्ते खबर सामने आई थी कि हस्तिनापुर कस्बे के पांडव टीले पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की टीम द्वारा चलाए जा रहे उत्खनन में 2300 वर्ष पुराने प्राचीन अवशेष मिले हैं. खुदाई के दौरान मिले अवशेषों के आधार पर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि यह अवशेष मौर्य काल के हैं. जिसमें प्राचीन ईटों की दीवार, कांच के मनके, तांबे के सिक्के आदि सैकड़ों प्राचीन अवशेष शामिल थे. इन सभी को कार्बन डेटिंग के लिए सुरक्षित रख लिया गया था.

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