Meerut: 450 किलो चांदी के रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले भगवान श्री जगन्नाथ

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रिपोर्ट: विशाल भटनागर

मेरठ: जिस तरह पुरी में भगवान जगन्नाथ स्वामी (Lord Shri Jagannath swami) की रथयात्रा (Rath Yatra) धूमधाम से निकाली जाती है. उसी की तर्ज पर मेरठ (Meerut) में 112 वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार सदर स्थित ऐतिहासिक बिलेश्वरनाथ मंदिर से विधि विधान के साथ मंदिर में विरजमान भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलदेव को चांदी के रथ पर विराजमान कर रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया, जो मेरठ के विभिन्न इलाकों में होते हुए वापस अपने स्थान पर संपन्न हुई.

65 किलो के चांदी के रथ से हुई थी शुरुआत
रथयात्रा के आयोजक विजय गोयल ने बताया कि 112 वर्ष पूर्व 65 किलोग्राम के चांदी के रथ से भगवान जगन्नाथ स्वामी की पहली रथ यात्रा निकाली गई थी. उसके बाद यह रथ 350 किलो चांदी से तैयार किया गया. 10 वर्ष पूर्व जब रथ की मरम्मत कराई गई तो इसमें और चांदी लगाई गई. अब यह रथ 450 किलो चांदी का है, जिसमें भगवान जगन्नाथ परिवार सहित भक्तों से मिलने जाते हैं. आज के समय में चांदी के भाव से रथ की कीमत का अंदाजा लगाया जाए तो दो करोड़ 60 लाख रुपये बैठती है.

रथ यात्रा का रूट
यह रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर भैंसाली मैदान, दाल मंडी, बैंकर्स स्ट्रीट व सदर थाना, सदर बाजार, चौक बाजार, बांबे बाजार, हनुमान चौक, आबूलेन, फव्वारा चौक से होते हुए गंज बाजार, ढोलकी मोहल्ला व अंत में वापस मंदिर पर आकर संपन्न हुई. यह मंदिर के द्वार पर ही रथ को रख दिया जाता है.

यात्रा के लिए ही निकाला जाता है रथ
आयोजकों ने बताया कि रथयात्रा से पहले सिर्फ इसको साफ सफाई और मरम्मत के लिए निकाला जाता है. रथ यात्रा निकालने के बाद जैसे ही भगवान श्री जगन्नाथ अपने द्वार वापस आते हैं. वैसे ही इस रथ को भी रख दिया जाता है, जिसकी देखरेख भी भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी मंदिर समिति द्वारा ही की जाती है.

भक्तों को भी रहता है भगवान के आने का इंतजार
हर बार रथ यात्रा निकाली जाती है तो भक्तों को भी इंतजार रहता है कि भगवान उनके द्वार पर उनसे मिलने आएंगे. यही कारण है कि जिन इलाकों से होते हुए भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है. भक्त बेहद उत्साहित दिखाई देते हैं. बग्गी पर प्रसाद वितरित किया जाता है. मेरठ के प्रसिद्ध बैंड रथ यात्रा में शोभा बढ़ाते हैं.

Tags: Lord jagannath rath yatra, Meerut news

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