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श्रीप्रकाश शुक्ला। (फाइल)
– फोटो : amar ujala
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अपराध की दुनिया में सराफा कारोबारियों की भी अच्छी खासी दखल है। ये गठजोड़ कारोबार का है पर रिश्ते पुराने हैं। कारोबारी अपना पैसा अपराधियों के जरिए जमीन के धंधे में लगाते हैं। बदले में उन्हें मुनाफा तो मिलता ही है, सुरक्षा की गारंटी भी दी जाती है। करीब 26 वर्ष पहले कुख्यात माफिया सरगना श्रीप्रकाश शुक्ला का भी एक सराफा कारोबारी से बहुत करीबी नाता था। पहली बार उसी ने सराफा बाजार के व्यापारियों को दबंगई की कमाई की राह दिखाई थी। आज भी कई सराफा कारोबारी अपराधियों से गठजोड़ करके कमाई संपत्ति के साथ अपना रसूख बनाए हुए हैं।
हिंदी बाजार में 20 वर्ष पहले सिर्फ सोने की गलाई का काम करने वाले आज बड़े सराफा कारोबारी और नेता बन चुके हैं। अंदरखाने की खबर है कि ये सभी अपराधियों के संपर्क में रहते हैं। सूत्र बताते हैं कि सराफा बाजार में एक तिकड़ी के अलावा अन्य सराफा कारोबारी भी हैं। लेनदेन में अटका तो इनकी तिकड़ी भी खटक गई। सूत्रों के मुताबिक शहर के प्रमुख बाजार गोलघर में एक जमीन है। इस जमीन का एग्रीमेंट एक अपराधी के भाई के नाम पर किया गया है। जिस समय एग्रीमेंट हुआ था, उस समय इसे खाली करवाने में भी माफिया ने अपनी धमक दिखाई थी।
इस जमीन में एक सराफा व्यापारी का भी मोटा पैसा लगा है। बसंतपुर चौक में दो जमीन और एक भवन है। इस पर भी अपराधी ने सराफा बाजार की तिकड़ी के सहारे अपना कब्जा जमाया है। लेकिन, इस तिकड़ी में मनमुटाव होने से मामला वैसे ही अटक गया है। ये जमीन आज भी ऐसे ही खाली पड़ी है। पास में एक भवन भी है, जिस पर कब्जा है। इसके अलावा सराफा व्यापारियों के साथ रुपये लगाकर सिक्टौर में भी चार जमीनें ली गई हैं।
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