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नुमाइश में सबसे अधिक मांग मीठे एवं नमकीन खजले की
– फोटो : संवाद
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अलीगढ़ नुमाइश में आने वाले दर्शकों को पिछले कई दशकों से मीठे और नमकीन खजले के साथ ही हलवा-परांठे का स्वाद अपना दीवाना बना रहा है। नुमाइश घूमने आने वाला हर व्यक्ति इनका स्वाद जरूर चखता है। इन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखी जा सकती हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले दर्शकों में खान-पान की चीजों की अच्छी-खासी दीवानगी है।
खजला एवं हलवा-परांठे की खुशूब से खिंचे चले आते हैं ग्राहक
नुमाइश में सबसे अधिक मांग मीठे एवं नमकीन खजले की रहती है। बुलंदशहर के ऊंचागांव के दुकानदार राजकिशोर ने बताया कि कम मीठे वाले खजले की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम एवं अधिक मीठा खजला 160 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल 20 रुपये प्रति किलो की कीमत बढ़ गई है। नमकीन खजला 40 रुपये प्रति नग के हिसाब से है। हलवा-परांठे की कीमत 160 रुपये प्रति किलो है। खास बात यह है कि करीब ढाई फीट गोलाई का यह पराठा किलो के हिसाब से बिकता है। पराठा खस्ता होता है और इसका स्वाद अलग ही आनंद देता है। इसकी खास खुशबू से लोग खिंचे चले आते हैं। नुमाइश में आने वाले लोग इन दुकानों पर पहुंचकर खजला के साथ ही हलवा- पराठा का स्वाद चखते हैं।
सब को भा रही मेरठ की नानखटाई
खजला, हलवा-परांठे के अलावा आलू से बने बरूले और मेरठ की नानखटाई भी नुमाइश के खास व्यंजनों में शामिल है। नानखटाई मेरठ का एक प्रमुख व्यंजन है। यह मौसम इसको खाने का सबसे उपयुक्त समय है। इसकी खुशबू को नुमाइश की हलवाई की दुकानों पर महसूस कर सकते हैं। नानखटाई के स्वाद को चखने के लिए लोग बेताब रहते हैं। समय के साथ इस प्रसिद्ध व्यंजन के कई नये रूप दिए गए हैं। जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ गया है । मुंह में रखते ही घुल जाना इसकी खासियत है। इसे सावधानी के साथ तैयार किया जाता है, क्योंकि जरा सी भी चूक से इसका आकार और स्वाद दोनों ही बिगड़ सकते हैं। मेरठ में तो नानखटाई न हो तो नाश्ते को अधूरा माना जाता है। देसी घी से तैयार इस नानखटाई की कीमत 480 रुपये प्रति किलो है। यह सामान्य नानखटाई से लेकर काजू, बादाम, मूंग बादाम के स्वाद में भी है।
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