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सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : सोशल मीडिया
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स कांस्टेबल विजय मौर्य के नाम पर बनने वाली सड़क का किसानों को मुआवजा भुगतान मामले में जिलाधिकारी देवरिया की अध्यक्षता में गठित कमेटी को तीन माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कमेटी द्वारा अधिगृहीत कर बन रही सड़क के लिए खेती की जमीन का मुआवजा देने से इन्कार करने के तीन अक्तूबर 2022 के आदेश को रद कर दिया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा भटनी ब्लाक में हतवा बाईपास से जिगना मिश्र गांव होते हुए छपिया जयदेव गांव तक चकरोड का चौड़ीकरण कर सड़क बनाई जा रही है। किंतु मुआवजा नहीं दिया गया है।जिस पर यह याचिका दायर की गई है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति वीके सिंह की खंडपीठ ने पवन कुमार मिश्र की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता नितेश कुमार श्रीवास्तव ने बहस की। इनका कहना था कि 1.8किमी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें उनकी खेती की जमीन अधिगृहीत की गई है। 3.75मीटर चौड़ी सड़क किनारे डेढ़ फीट फुटपाथ व नाली भी बन रही है।
जिगना मिश्र गांव के लोगों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने सात सदस्यीय कमेटी गठित की। उसने अपनी रिपोर्ट दी और याचियों का मुआवजा मांगने का दावा खारिज कर दिया गया। उनका कहना है चकरोड को सड़क के रूप में बनाया जा रहा है। किंतु याची का कहना है कि सड़क निर्माण में उनकी खेती की जमीन भीली गई है। अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी की गलत रिपोर्ट पर दावा खारिज किया गया है। कोर्ट ने कहा कि दावा तथ्यों पर आधारित है जिसका निस्तारण याचिका में नहीं किया जा सकता, इसलिए कमेटी याची को सुनकर शासनादेश के अनुसार फैसला लें
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