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अंजुला माहौर
– फोटो : अमर उजाला
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भ्रष्टाचार विरोधी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित केशवदेव गौतम ने हाथरस सदर विधायक अंजुला माहौर के जाति प्रमाण पत्र के फर्जी होने का आरोप लगाते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। न्यायालय में इस मामले में परिवादी ने बृहस्पतिवार को प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र में तहसीलदार आगरा को मय रिकॉर्ड तलब करने की मांग की। वहीं दूसरी ओर विधायक अजुंला माहौर के अधिवक्ता ने भी पूर्व में जाति प्रमाण पत्र सही पाने संबंधी जांच के प्रपत्रों को न्यायालय में दाखिल किया है।
परिवादी केशव देव गौतम ने अपने अधिवक्ता विजेंद्र गुप्ता के माध्यम से एमपी एमएलए कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था। परिवादी के बयान न्यायालय में हो चुके हैं। परिवादी केशवदेव गौतम का आरोप है कि हाथरस सदर विधायक अंजुला सिंह माहौर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर रिजर्व सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। विधायक अंजुला सिंह माहौर ने अपना जाति प्रमाण पत्र अपने मायके की जाति को छिपाकर अपने ससुराल की जाति के आधार पर फर्जी रूप से तैयार कराया है।
केशव देव गौतम का आरोप है कि किसी भी महिला का जाति प्रमाण पत्र ससुराल पक्ष से नहीं माना जाता, उसके मायके से ही बनाया जाता है। वहीं सदर विधायक के अधिवक्ता हरीश दीक्षित ने बताया कि विधायक अंजुला सिंह माहौर के अनुसूचित जाति के जाति प्रमाण पत्र के सत्यापन एवं उसकी वैधता के संबंध में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका संख्या 25267 सन 2011 जल संस्थान कर्मचारी मोर्चा बनाम उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य के मामले में पारित आदेश 9 मई 2011 के अनुपालन में जिलाधिकारी आगरा को मिले प्रत्यावेदन में अंजुला सिंह की जाति प्रमाण पत्र की वैधानिकता एवं सत्यता के निस्तारण किए जाने का अनुरोध किया गया।
इस संबंध में तत्कालीन जिलाधिकारी आगरा अजय चौहान ने जांच के लिए समिति गठित की। जांच समिति उपलब्ध साक्ष्यों एवं अभिलेखों के आधार पर सर्वसम्मति से इस निष्कर्ष पर पहुंची कि अंजुला सिंह की जाति कोरी होनी स्थापित होती है, जो कि अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है। वहीं विधायक सदर के अधिवक्ता ने इससे जुडे़ सभी दस्तावेजों को न्यायालय में दाखिल किया। इस संबंध में विधायक अंजुला सिंह माहौर का कहना है कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। हमें न्याय मिलेगा।
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