Notice to 104 units exploiting ground water

Hathras News:भूजल दोहन करने वाली 104 इकाइयों को नोटिस, महज 25 ने ले रखी है भूगर्भ जल विभाग से एनओसी – Notice To 104 Units Exploiting Ground Water

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नोटिस (सांकेतिक फोटो)
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

हाथरस जिले में भूजल दोहन करने वाली 104 इकाइयों को भूगर्भ जल विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि नोटिस जारी होने के बाद भी जिले की महज 25 इकाइयों ने अभी तक भूगर्भ जल विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) ली है। जिले के छह विकास खंड अतिदोहित श्रेणी में हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से भूगर्भ जल स्तर बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। 

जिले में पिछले 10 वर्षों में लगातार भूगर्भ जल स्तर गिरता जा रहा है। कई कई इलाकों में तो छह मीटर से अधिक तक भूगर्भ जल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है। भूगर्भ जल विभाग की ओर से अब इस स्थिति से निपटने के लिए भूगर्भ जल अधिनियम के तहत भूगर्भ जल का अतिदोहन करने वाली फर्मों व संस्थाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। 

जिले में करीब 300 फर्म व संस्थाएं भूगर्भ जल का दोहन कर रही हैं, लेकिन अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) इनमें से महज 25 संस्थाओं ने ही ले रखी है। हालांकि शासन की ओर से गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। जिले के ब्लॉक सहपऊ में 6.67 मीटर और सादाबाद में 5.1 मीटर तक जल का स्तर गिर गया है। हाथरस शहर में भी पिछले 10 सालों में 3.4 मीटर तक भूगर्भ जल का स्तर गिरा है। इस कारण नलकूप के बोरिंग भी गहरे होने शुरू हो गए हैं। 

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार भूगर्भ जल का अतिदोहन करने वाली संस्थाओं को भूगर्भ जल विभाग की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेने के कई बार निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन इनके संचालक एनओसी लेने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। 

गिरते जल स्तर को बचाने के लिए सरकारी कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं। जो भी औद्योगिक इकाइयां व्यावसायिक रूप में जल का प्रयोग कर रही हैं, उन सभी को भूगर्भ जल अधिनियम के तहत अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य है। इसे लेकर 140 फर्मों को नोटिस जारी किए गए हैं। -नम्रता जैसवाल, नोडल अधिकारी भूगर्भ जल संरक्षण

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