Hanuman Garhi temple located in Ayodhya Dham will be decorated with artefacts of Kanha city

Hanuman Garhi Temple Located In Ayodhya Dham Will Be Decorated With Artefacts Of Kanha City – Amar Ujala Hindi News Live

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अयोध्या- हनुमानगढ़ी मंदिर
– फोटो : Agra

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‘राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे’ अर्थात भगवान राम के द्वार के पवन पुत्र हनुमान रखवाली करते हैं। उनकी आज्ञा बिना कोई प्रभु राम का दर्शन नहीं कर पाता। शायद यही कारण है कि रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व अयोध्या धाम स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर को भी सजाया व संवारा जा रहा है। इस कार्य में कान्हा की नगरी मथुरा में बनी कलाकृतियों का भी प्रयोग होगा।

कलाकृतियों में तीन 3डी और एक हनुमानजी की मूर्ति है। इनका निर्माण कर रही ग्लिप्टिक आर्ट्स के संचालक विपुल अग्रवाल ने बताया कि हनुमानजी की मूर्ति 10 फुट लंबी बनाई जा रही है। इसे बनाने में फाइबर, रेजिन, स्टोन और लोहे का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ सबसे बड़ी वालआर्ट रामदरबार की है। इसका आकार 23 गुणा 8 फुट है। 

वहीं 8 गुणा 8 की दो 3डी वालआर्ट हैं। इसमें एक गंगा अवतरण और दूसरी महंत बाबा अभयरामदास की है। इसमें पीयू पेंट का प्रयोग किया जा रहा है। ताकि यह लंबे समय तक सुरक्षित रहे। इन सभी के निर्माण में करीब 20 लाख रुपये की लागत आ रही है। इन सभी कलाकृतियों को 17 जनवरी तक हनुमानगढ़ी मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। इसके लिए एक संस्था ने आॅर्डर दिया है।

नवाब ने हनुमानगढ़ी मंदिर के लिए दी थी जमीन

अयोध्या धाम स्थित रामायणी जी कुटिया के महंत रामचंद्र दास ने बताया कि मान्यता है कि जिस स्थान पर आज हनुमानगढ़ी मंदिर है, वहां 18वीं शताब्दी में एक टीला था। जिसे हनुमान शिला कहा जाता था। यहां तत्कालीन इलाहाबाद (वर्तमान में प्रयागराज) से आए बाबा अभयरामदास ने धुनी रमाई। 

इसी बीच अवध के तत्कालीन नवाब मंसूर अली खां अपने एकमात्र पुत्र को असाध्य रोग से निजात दिलाने के लिए बाबा के पास पहुंचे। बाबा ने नवाब को आशीर्वाद दिया। जल्द ही उनका पुत्र स्वस्थ हो गया। इससे कृतज्ञ नवाब ने हनुमान शिला के आसपास की 52 बीघा भूमि मंदिर के नाम कर दी। हनुमान शिला को भव्य किले का आकार दे दिया गया, जो आज भी विद्यमान है।

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