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गोल्फ खिलाड़ी दीक्षा डागर।
– फोटो : अमर उजाला।
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बेटा, जिसका तुम्हें इंतजार था, वह रिजल्ट आ गया। अर्जुन अवार्ड की सूची आ गई है, उसमें तुम्हारा भी नाम है। पिता से फोन पर इतना सुनते ही खुशी से दीक्षा उछल पड़ीं और बोलीं- यस पापा। फिर साथ में मौजूद मां से लिपट गईं। पापा से बोलीं-अब मेरी मंजिल की राह आसान हो जाएगी। इस पदक से मिली ऊर्जा से मुझे ओलंपिक में पदक जीतना है। अब और कड़ी मेहनत करूंगी और पदक आपको गिफ्ट करूंगी।
बातचीत का यह अंश अर्जुन अवार्ड के लिए चयनित भारतीय गोल्फर दीक्षा डागर और उनके पिता का है। पिता कर्नल नरेंद्र डागर 44 एनसीसी बटालियन गोरखपुर में तैनात हैं। उन्होंने ही बेटी दीक्षा को पत्नी के मोबाइल पर फोन करके सबसे पहले अर्जुन अवार्ड में चुने जाने की जानकारी दी। दीक्षा अपनी मां के साथ जकार्ता गई हैं, जहां एशिया पैसिफिक कप में खेल रही हैं। इस टूर्नामेंट में विश्वभर की 28 टीमें भाग ले रही हैं। इसमें भारत की दो टीमें शामिल हैं।
दीक्षा बीते दो साल से गोरखपुर में रेलवे के गोल्फ कोर्स की सदस्य हैं और यहीं प्रैक्टिस भी करती हैं। पिता कर्नल डागर ने बताया-बेटी बहुत खुश है। इस रिजल्ट का दो साल से इंतजार था। फोन पर लगातार लोगों के बधाई संदेश आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कड़ी मेहनत का फल है। सेना और सरकार ने हर मोड़ पर साथ दिया। इस तरह के पुरस्कार से खिलाड़ियाें काे प्रोत्साहन मिलता है।
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उन्होंने बताया कि सितंबर में जब दीक्षा गोरखपुर आई थीं तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें प्रोत्साहित किया था। दीक्षा टोक्यो ओलंपिक सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
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