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गॉर्ड ऑफ ऑनर देती पुलिस टुकड़ी
– फोटो : परिजन
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अपराधियों को पकड़ने में अक्सर लेटलतीफ रहने वाली पुलिस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व लोकतंत्र रक्षक सेनानी (मीसाबंदी) जमीरुद्दीन सिद्दीकी (मास्टर साहब) की अंत्येष्टि के बाद पहुंची। पार्थिव शरीर को दफनाए जाने के बाद उसने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पुलिस कर्मियों की लापरवाही से जहां महकमे को शर्मिंदगी उठानी पड़ी, वहीं नेताओं में भी नाराजगी दिखी।
लोकतंत्र रक्षक सेनानी (मीसाबंदी), वालीबॉल के वरिष्ठ खिलाड़ी व पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बड़े भाई जमीरुद्दीन सिद्दीकी का सोमवार रात लखनऊ में इंतकाल हो गया था। वह लगभग 82 वर्ष के थे। मंगलवार तड़के जनाजे में शामिल होने के लिए नसीमुद्दीन अपने परिवार के साथ बांदा पहुंचे।
कांग्रेस के पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष व जालौन के पूर्व सांसद ब्रजलाल खाबरी सहित पूर्व विधायक शिरोमणि, कांग्रेस के प्रांतीय नेता अखिलेश शुक्ल, सपा प्रदेश उपाध्यक्ष सीएल वर्मा, भाजपा नेता सौरभ समेत बड़ी तादाद में विभिन्न धर्मों के लोग मौजूद रहे। मदरसा हथौरा के मौलाना कारी हबीब अहमद ने नमाज अदा कराई।
जमीरुद्दीन का पार्थिव शरीर जब सुपुर्द ए खाक कर दिया गया तो पुलिस ने लोकतंत्र रक्षक सेनानी को गार्ड ऑफ ऑनर देने की सुधि ली। मौके पर सशस्त्र पुलिस की टुकड़ी ने सलामी की रस्म अदा की। शहर कोतवाल अनूप दुबे का कहना था कि पूर्व मंत्री के भाई के निधन की सूचना मिली थी। लेकिन लोकतंत्र सेनानी होने की जानकारी नहीं थी। जानकारी होने पर टुकड़ी सलामी देने पहुंची थी।
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