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रिपोर्ट:- सर्वेश श्रीवास्तव, अयोध्या
अयोध्या. मंदिर और मूर्तियों की नगरी अयोध्या(Ayodhya) भगवान राम के प्राचीन अवशेषों से भरी पड़ी है.प्राचीन धरोहर को समेटे राम की नगरी में कई ऐसे प्राचीन कुंड हैं जो अपने आप में ऐतिहासिक हैं. इन्हीं में से एक विभीषण कुंड भी है. कहा जाता है कि जब भगवान राम जब लंका पर विजय प्राप्त कर पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे तो उनके साथ वानर सेना समेत लंका के राजा विभीषण भी अयोध्या आए थे. जब भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ तो वानर सेना समेत सुग्रीव, हनुमान, जामवंत, विभीषण आदि लोग मौजूद रहे. राज्याभिषेक होने के बाद प्रमुख लोगों का अयोध्या में एक स्थान बनाया गया, जहां उनके रहने की व्यवस्था की गई थी. जहां विभीषण के रहने की व्यवस्था की गई उसी जगह को विभीषण कुंड का नाम दिया गया.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि प्राचीन कुंडों में से एक विभीषण कुंड है, जहां बैठकर ध्यान से पूजा पाठ करने और उसके बाद स्नान करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बताते हैं कि विभीषण कुंड में स्नान करने व पूजन करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. भगवान राम ने आशीर्वाद दिया था कि जो भी विभीषण कुंड पर बैठकर पूजा-अर्चना करेगा और स्नान करेगा वह मनवांछित फल की प्राप्ति करेगा.
जानिए कहां स्थित है विभीषण कुंड
राम की पैड़ी से लगभग 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित अशर्फी भवन रोड पर विभीषण कुंड स्थित है.नीचे दिए गए लिंक से आप विभीषण कुंड पर पहुंच सकते हैं.
Vibhishan Kundhttps://maps.app.goo.gl/kynn8Wo4DBzAE1Xg9
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FIRST PUBLISHED : June 28, 2022, 15:05 IST
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