[ad_1]
रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल,वाराणसी
वाराणसी:-अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का पर्व अक्षय पुण्य की प्राप्ति वाला है.वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया मनाया जाता है.इस पर्व पर स्नान, दान और पूजा अनुष्ठान का विशेष महत्व है.लेकिन बदलते दौर में शुभ मुहूर्त वाले इस पर्व का बाजारीकरण हो गया है और इस पर्व पर सोने की खरीदारी को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है.काशी (Kashi) के जाने माने विद्वान पण्डित पवन त्रिपाठी ने बताया कि अक्षय तृतीया के पर्व पर सोने की खरीदारी का कोई भी शास्त्रीय विधान नहीं है.किसी भी धर्म ग्रन्थ में आज के दिन सोना खरीदने का जिक्र नहीं है.उन्होंने बताया कि धर्म शास्त्रों में इस खास दिन पर कई जगह सोने का जिक्र है लेकिन सोना खरीदने का नहीं बल्कि उसके दान की बातें लिखी गई है.
इस तरह पा सकते हैं पुण्य
इस पर्व पर सोने के दान से कई तरह के पापों से मुक्ति मिलती है और अक्षय पुण्य का लाभ मिलता है.जो भी मनुष्य इस दिन सोने का दान नहीं कर सकता वो इस दिन गंगा और दूसरे पवित्र नदियों में स्नान के बाद यदि शीतल समानों के अलावा ऋतु फल का दान करता है इससे उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.इस दिन मिट्टी के घड़े में जल दान,सत्तू दान,पंखे के दान का भी विशेष महत्व है.जरूरतमंदों और ब्राह्मणों में इन चीजों के दान से कई गुना पुण्य का लाभ मिलता है जिसका कभी भी क्षय नहीं होता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : May 04, 2022, 08:29 IST
[ad_2]
Source link