[ad_1]
किसान मेले में संबोधित करते कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि देश की आत्मनिर्भरता में किसानों का अहम योगदान है। तकनीक और उनके मेहनत के बदलौती ही हम खाद्यन्न में आत्मनिर्भर होने के साथ निर्यात कर रहे हैं। वाराणसी से 15 माह में आठ सौ मीट्रिक टन फल, सब्जियों का निर्यात कर चुके हैं। आज किसान उद्यमी बनने की ओर अग्रसर हैं।
शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में तीन दिवसीय पूर्वोत्तर भारत के लिए लगे किसान मेले के उद्घाटन पर उन्होंने यह विचार रखे। मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक और प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। इसलिए यहां विकास की संभावनाएं ज्यादा हैं। इसलिए किसान बदलते जलवायु के अनुकूल खेती पर जोर दें। इसके लिए कृषि संसाधनों में हो रहे शोध व अनुसंधान का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि
प्रदेश सरकार कृषि एवं किसान उपयोगी कार्यों को विस्तार दे रही है। प्रदेश में 23 सौ एफपीओ विकास कर रहे हैं। दिसंबर तक एक लाख सोलर पंप किसानों को दिया जाएगा। कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय खुलेगा।केवीके की स्थापना, विपणन प्रणाली में व्यापक सुधार, खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ाया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि आइसीएआर पूर्व सचिव एवं महानिदेशक डॉ. मंगला राय ने कहा कि पहले जितना आज भी खेती हो रही है, मगर सरकार की सफल रणनीति से हम समृद्ध हो रहे हैं। कृषि से 55 फीसदी आबादी का जीवन यापन और जीडीपी में 15 प्रतिशत योगदान का है। उन्होंने सेकेंडरी एग्रीकल्चर, जैविक फार्मिंग, सूक्ष्मजीवों के प्रसार पर जोर दिया।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों, जैविक उत्पादों, खाद्यान्न भंडारण, कृषि विपणन, प्रसंस्करण एवं कृषि से स्वरोजगार जैसे मुद्दों पर चिंतन की जरूरत है, तभी इससे निपट सकते हैं। संस्थान के निदेशक डॉ. तुषार कांति बेहेरा ने संस्थान द्वारा किसानों की हितों में लगातार कार्य किए जाने पर जोर दिया। आइसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. यूएस गौतम, सहायक महानिदेशक डॉ. सुधाकर पांडेय ने भी किसानों से संवाद किया और वर्त्तमान चुनौतियों से अवगत कराने के साथ इससे निपटने के तरीके भी बताए।
[ad_2]
Source link