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महाशिवरात्रि के तहत चौक से दशाश्वमेध तक की जा रही बैरिकेडिंग।
– फोटो : उज्जवल गुप्ता
विस्तार
भूतभावन भगवान शंकर की नगरी काशी में महाशिवरात्रि पर निकलने वाली शिव बरात में पहली बार विभिन्न राज्यों की होली के रंग बिखरेंगे। बाबा के गण होंगे और रामदरबार की झांकी सजेगी। देवगणों के साथ भूत, प्रेत, पिशाच, बैताल भी बाबा की बरात में मगन होकर थिरकेंगे। झांकी में सौ से अधिक लाग विमान होंगे। झांकियों से महंगाई और बेरोजगारी को भी दर्शाया जाएगा।
महाशिवरात्रि आठ मार्च को है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर शहर से लेकर गांव तक शिव बरात निकाली जाएगी। शहर में निकलने वाली तीन प्रमुख बरात की थीम अलग अलग है। शिव बरात समिति की ओर से महामृत्युंजय महादेव मंदिर दारानगर से चितरंजन पार्क तक निकाली जाएगी। इसकी थीम विभिन्न राज्यों की होली है। समिति के संस्थापक महासचिव एवं संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि काशी की होली अलग होती है। लेकिन, इस बार काशीवासियों को काशी के अलावा दूसरे शहरों की भी होली के रंग देखने को मिलेंगे।
वृंदावन के अलावा हरियाणा, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड व असम के कलाकार यहां खास तौर से काशी आएंगे और वहां के होलियाना उत्सव से सभी को सराबोर करेंगे। एक दर्जन से अधिक लाग विमान होंगे। तिलभांडेश्वर बरात समिति की ओर से तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर से बरात 15 मुहल्लों से होकर गुजरेगी।
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