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घटना के बाद अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाते हुए बताया कि उसके परिवार के लोग बिहार में एक विवाह समारोह में शामिल होने के लिए गए हुए थे। घर पर उसकी नबालिग बेटी अकेली उसके साथ रह रही थी। 30 दिसंबर 2020 को वह फैक्ट्री में ड्यूटी के लिए गया था। शाम को घर लौटा तो बेटी को मृत अवस्था में पाया। उसकी गर्दन पर एक शाल लिपटी हुई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुज्जफरनगर में चार साल पहले दोस्त की नाबालिग बेटी की दुष्कर्म के बाद हत्या के बहुचर्चित मामले में दोषी करार गोविंद की जमानत अर्जी खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की अदालत ने उम्रकैद की सजा पाए गोविंद की ओर से दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया।मामला मुज्जफ्फरनगर जिले के नई मंडी थाना क्षेत्र का है।
30 दिसंबर 2020 को नाबालिग मृतका के परिजन वैवाहिक समारोह में शामिल होने बिहार गए थे। उसके पिता फैक्ट्री में काम पर गए हुए थे। इसी दौरान पिता के साथ फैक्ट्री में काम करने वाले इटावा के इकदिल थाना क्षेत्र के बिरारी निवासी गोविंद ने घर पर अकेली नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया और बाद में हत्या कर मौके से भाग गया। हालांकि, मृतका के पिता की ओर से दर्ज एफआईआर में उसको नामजद नही किया गया था।
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