Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha Ramlala life consecration ritual continued for seven days

Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha Ramlala Life Consecration Ritual Continued For Seven Days – Amar Ujala Hindi News Live

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Ayodhya Ram Mandir
– फोटो : अमर उजाला

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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान कई मायनों में अद्भुत रहा। सात दिवसीय अनुष्ठान में 5.50 लाख मंत्रों का जाप रामजन्मभूमि परिसर में किया गया। ये सभी मंत्र रामनगरी के पौराणिक ग्रंथों से लिए गए हैं। पुराण, श्रीमद्भागवत व वाल्मीकि रामायण के मंत्रों का जप हुआ है। काशी समेत पूरे देश से आए 121 वैदिक कर्मकांडी ब्राह्मणों ने इन मंत्रों का वाचन किया।

सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान की शुरुआत 16 जनवरी को प्रायश्चित पूजन व कर्मकुटी पूजन से हुई थी। अनुष्ठान का समापन 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ हुआ। शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा नदियप प्रजामे गोपाया अमृतत्वया जीवते, जातांच निश्यामानांच, अमृते सत्ये प्रतिष्ठिताम्… मंत्र के जप से की गई। 

इस मंत्र का अर्थ होता है प्रभु यहां पर प्रतिष्ठित होकर पूरी सृष्टि का संचालन करना है। धर्म की रक्षा के लिए आप प्रतिष्ठित हो जाइए। अनुष्ठान में शामिल आचार्य मृत्युंजय ने बताया कि सबसे प्राचीन और पहले वेद ऋग्वेद के सबसे बड़े देवता इंद्र हैं। वेदों के एक चौथाई हिस्से में इंद्र देव हैं। 

इंद्रदेव के लिए 2500 मंत्र हैं। दूसरे स्थान पर अग्नि हैं, उनके दो हजार मंत्र हैं। अनुष्ठान के रामजन्मभूमि परिसर में दो यज्ञमंडप व नौ हवन कुंड बनाए गए थे। अनुष्ठान के क्रम में पूरे सात दिन तक नौ हवन कुंडों में कुल 60 घंटे तक करीब 5़ 50 लाख मंत्रों का वाचन कर आहुतियां अर्पित की गईं। 

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