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Vinod Upadhyay
– फोटो : अमर उजाला
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समय सबका हिसाब रखता है। एक वक्त वह था, जब माफिया विनोद उपाध्याय की एक आवाज पर सैकड़ों लोग जुट जाते थे। एक वक्त यह भी है कि जब उसकी मौत हुई तो अंतिम संस्कार में मुठ्ठी भर लोग भी नहीं जुटे।
उसके कुछ खास लोगों में चर्चा रही कि जिन लोगों ने सबसे ज्यादा मौज मारी, वे झांके तक नहीं। महज 24-25 लोग ही राजघाट तक पहुंचे थे। भाई विजय प्रकाश ने विनोद के बेटे को गोद में लेकर मुखाग्नि दिलाई।
शुक्रवार को सुल्तानपुर में एसटीएफ की टीम से हुई मुठभेड़ में माफिया विनोद उपाध्याय को मार गिराया गया था। इसके बाद पत्नी तृप्ति उपाध्याय व भाई जयप्रकाश उपाध्याय वहां शव लेने पहुंचे। रात में वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम हुआ। घरवाले रात 2.45 बजे के करीब शव लेकर गोरखपुर के धर्मशाला स्थित आवास पर पहुंचे।
इसे लेकर पुलिस पहले से सतर्क थी। पुलिस की मौजूदगी में शनिवार सुबह दाह संस्कार कराया गया। दाह संस्कार के दौरान तीन सिपाही घाट पर तो कुछ घर पर तैनात रहे। पुलिस आने जाने वालों पर बारीकी से नजर रखे थी।
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