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गांव सीतापुर में रजबहे की पटरी की कटने से जलमग्न फसलें
– फोटो : संवाद
विस्तार
गांव सीतापुर के निकट मंगलवार को रजबहे की पटरी कट गई। रजबहे के पानी से 16 किसानों की करीब डेढ़ सौ बीघा सरसों, गेहूं और गुलाब की फसल चौपट हो गई। किसानों ने इसकी सूचना देने के लिए सुबह चार बजे से कई बार सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन काफी देर बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंचे, जिससे किसानों में विभाग के प्रति नाराजगी दिखाई दी।
गांव सीतापुर निवासी किसान अजीतपाल मंगलवार की सुबह करीब चार बजे अपने खेत पर पहुंचे तो वहां उन्हें चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दिया। उन्होंने आसपास के किसानों को भी इसकी जानकारी दी। सुबह करीब चार बजे सभी ग्रामीण इकट्ठा हो गए। किसानों ने पड़ताल की तो बस्तोई-सीतापुर रजबहे के माइनर की पटरी कटी नजर आई। अजीतपाल सिंह ने सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सचिन यादव को फोन पर इसकी जानकारी दी। सुबह आठ बजे तक जब कोई अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं आया तो किसानों ने एसडीओ को भी अवगत कराया।
एसडीओ संजय तोमर ने तत्काल जेई सचिन यादव, सींचपाल अल्ताफ खां और जिल्लेदार दिनेश चौहान को जेसीबी के साथ मौके पर भेजा। टीम के देरी से आने पर किसानों ने नाराजगी जाहिर की। किसानों का कहना था कि वह तब तक पटरी को सही नहीं करने देंगे, जब तक उन्हें क्षतिग्रस्त फसल का मुआवजा नहीं मिल जाता। जेई ने इस बारे में एसडीओ को अवगत कराया तो एसडीओ ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाकर कार्य शुरू कराने के लिए राजी किया।
रजबहे के पानी से अजीत पाल सिंह की 30 बीघा, प्रवेंद्रपाल सिंह की 28 बीघा, उनके भाई युवराज सिंह की 28 बीघा गेहूं, सरसों और गुलाब की फसल जलमग्न हो गई। इनके अलावा रमेशपाल, मुकेश कुमार, विनेशपाल सिंह, कपूरी देवी, मुन्नी देवी, मीना देवी, बृजेश कुमार, आशा देवी, अजयवीर सिंह, विजेंद्र सिंह, यतेंद्र कुमार, प्रवीणा देवी, विनीता देवी की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। एसडीओ संजय तोमर ने सूचना के बाद जब जेसीबी पहुंची तो किसानों ने जेसीबी नहीं चलने दी। किसानों को समझाकर पटरी की मरम्मत का कार्य शुरू करा दिया गया है।
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