500 farmers giving land for Yamuna Expressway will get plots

Aligarh:यमुना एक्सप्रेस-वे में 500 किसानों की ली थी जमीन, 22 साल बाद होंगे अब भूखंड आवंटित – 500 Farmers Giving Land For Yamuna Expressway Will Get Plots

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यमुना एक्सप्रेस वे
– फोटो : संवाद

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यमुना एक्सप्रेस-वे में जिले के जिन 500 किसानों की जमीन अधिग्रहीत हुई थी, उन्हें यमुना प्राधिकरण (यीडा) की ओर से 22 साल बाद भूखंड आवंटित किए जाएंगे। प्राधिकरण इन किसानों को कुल भूमि का सात प्रतिशत आबादी भूखंड आवंटित करेगा। यीडा की बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा। स्थानीय भू-अधिग्रहण विभाग से इस संबंध में जानकारी भी मांगी गई है।

यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक शहर विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार ने वर्ष 2001 को अधिसूचना जारी कर गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा के 1187 गांवों को इसमें अधिसूचित किया था। प्राधिकरण की स्थापना से पूर्व अधिसूचित क्षेत्र के भूस्वामी को काश्तकार नहीं माना गया था।

प्राधिकरण के गठन से पहले अधिसूचित क्षेत्र के भूस्वामियों को ही मूल काश्तकार की श्रेणी से बाहर रखा गया। प्राधिकरण की ओर से वर्ष 2001 से 2014 के बीच जिन काश्तकारों के नाम जमीनों के दस्तावेज में दर्ज थे, उन्हें सात प्रतिशत भूखंड आवंटित किया गया। अलीगढ़ के 12 गांवों के करीब 500 से अधिक किसानों भूखंड नहीं मिल सके थे।

अब इन किसानों को यीडा की ओर से भूखंड आवंटित करने के लिए नियमों को संशोधित करते हुए भूखंड दिलाने की तैयारी कर ली है। यमुना एक्सप्रेस वे के लिए टप्पल के पांच गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया था। एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए जिन किसानों की जमीन ली गई थी, उनमें से जो भी भूखंड से वंचित रह गए हैं, उनका ब्योरा निकलवाया जा रहा है।

सर्किल दर से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान

सरकार ने किसानों से 580 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का करार कर 436 वर्गमीटर के हिसाब से मुआवजा तय किया था। टप्पल से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले के जेवर क्षेत्र में किसानों को 888 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा था। इसको लेकर किसानों ने नोएडा के बराबर मुआवजा की मांग को लेकर टप्पल के गांव जिकरपुर में धरना-प्रदर्शन किया था। 14 अगस्त 2010 को किसानों और पुलिस के बीच हुई भिड़ंत में तीन किसानों एवं पीएसी के कंपनी कमांडर समेत चार की मौत हो गई थी। यह प्रकरण संसद में खूब गूंजा था। तब सरकार ने जमीन अधिग्रहण बिल में संशोधन करने का फैसला लिया, जिसमें जमीन अधिग्रहण पर सर्किल दर से चार गुना मुआवजा देने का प्रावधान किया गया था।

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