Sterilization not done for 10 years dog population unbridled

Aligarh News:10 वर्ष से नहीं हुई नसबंदी, कुत्तों की आबादी हुई बेलगाम – Sterilization Not Done For 10 Years Dog Population Unbridled

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कुत्तों की नसबंदी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

कुत्तों के आतंक से शहर में दहशत है। हर जगह इनके झुंड मौजूद हैं, जो आने जाने वाले लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। नगर निगम और पशुपालन विभाग स्तर से बीते दस वर्षों से इनकी नसबंदी नहीं कराई गई है, जिससे इनकी आबादी तेजी से बढ़ी है। भोजन और सुरक्षित आश्रय नहीं मिलने से इनके व्यवहार में परिवर्तन भी आ रहा है। गर्मी बढ़ने ये हमलावर हो गए हैं। वाहनों की चपेट में आने से अक्सर इनकी मौत हो जाती है, जिससे वाहन सवारों के लिए ये बड़ा खतरा बने हुए हैं। एएमयू परिसर में सेवानिवृत्त चिकित्सक डॉ. सफदर अली पर कुत्तों के हमले का वीडियो अब तक लोगों के जेहन में है।

जिला अस्पताल, पंडित दीनदयाल अस्पताल और जेएन मेडिकल कॉलेज में कुत्तों के शिकार मरीजों की प्रतिदिन भरमार रहती है। एंटीरैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहती हैं। हर महीने कुत्ते, बिल्ली और बंदर के हमले से लगभग छह हजार लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। महानगर में करीब 10 वर्षों से नगर निगम में पशुपालन विभाग की मदद से नसबंदी की तैयारी की जा रही है। मगर यह कार्ययोजना परवान नहीं चढ़ सकी है।

इंजेक्शन के लिए देहात से शहर तक लगानी पड़ती है दौड़

गांव-देहात से जुड़े तमाम ग्रामीण कुत्तों का शिकार होने के बाद जिला अस्पताल तक चक्कर लगा रहे हैं। क्योंकि स्थानीय प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं तो उन्हें उपलब्ध नहीं मिलते हैं। इस पर उन्हें जिला मुख्यालय तक इंजेक्शन के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। इससे उनका कीमती समय और रुपया दोनों ही खराब होते हैं।

कुत्तों की वजह से काफी परेशानी हो रही है। दुकान पर सामान लेने जाते हैं तो कुत्तों का झुंड काटने को दौड़ता है। डर लगने लगा है। – नीतू सिंह, बरौला बाईपास

कुत्तों के कारण बच्चों का स्कूलों जाना मुश्किल हो गया है। नगर निगम एवं प्रशासनिक अफसरों को इस ओर ध्यान देका चाहिए। -सुशील गुप्ता, सुरेंद्र नगर

कुत्तों के आतंक से बुरा हाल है। तीन दिन पहले कई कुत्तों ने एक बच्ची को पकड़ लिया था, बड़ी मुश्किल से वह बची। -प्रियंका सिंह, मैलरोज बाईपास

छोटे बच्चों के साथ बड़ों को भी निकलने में डर लगने लगा है। रात में इनका आतंक अधिक बढ़ जाता है। इनकी धरपकड़ हो। -नितिन वर्मा, खिरनीगेट

शहर में कुत्तों के आंतक से नागरिकों को हो रही परेशानियों को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। इसको लेकर नगर निगम एवं पशुपालन विभाग के अफसरों को अभियान चलाकर कुत्तों की  नसबंदी एवं धरपकड़ के निर्देश दिए गए हैं।– अमित कुमार भट्ठ, अपर जिलाधिकारी नगर

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