Patients of KGMU shifted to private hospitals.

Kgmu:ट्रॉमा से आधी रात मरीजों की शिफ्टिंग कराने का खेल जारी, कई बार दबोचे गए दलाल पर नहीं हुई कार्रवाई – Patients Of Kgmu Shifted To Private Hospitals.

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– फोटो : amar ujala

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केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर से आधी रात से मरीजों की शिफ्टिंग का खेल शुरू होता है। इसमें ट्रॉमा स्टाफ की भूमिका भी संदिग्ध है। मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा देकर उन्हें निजी अस्पताल भेजा जाता है। रोजाना करीब 15-20 मरीज निजी अस्पताल पहुंचाए जा रहे हैं।

अहम बात यह है ट्रॉमा के बाहर गेट पर ही देर रात निजी अस्पताल के दलालों का जमावड़ा शुरू होता है। इन्हें कई बार दबोचा भी गया, लेकिन ट्रॉमा प्रशासन ने इनके खिलाफ तहरीर नहीं दी। नतीजा पुलिस ने शांति भंग में चालान कर इन्हें छोड़ दिया।

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लोहिया संस्थान के बाद अब केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर मरीजों की शिफ्टिंग का सबसे बड़ा अड्डा बना है। यहां पर आने वाले अति गंभीर मरीजों को आसानी से वेंटिलेटर नहीं मिल पाते हैं। मरीज एंबुबैग पर रहते हैं। ऐसे में बेहतर व सस्ते इलाज का झांसा देकर उन्हें निजी अस्पताल ले जाने की सलाह दी जाती है।

यही वजह है कि यहां पर भर्ती होने बाद रोज कई मरीज लेफ्ट अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस (लामा) लिखकर दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए छोड़ दिए जाते हैं। अहम बात यह है ट्रॉमा प्रशासन दलालों पर नकेल कसने के बजाय मौन साधे रहता है। बीते साल ट्रॉमा से कई दलाल दबोचे गए।

पुलिस ने उन्हें चौकी में बिठाया, लेकिन ट्रॉमा प्रशासन से कोई भी तहरीर न आने पर उन्हें छोड़ दिया। मामले में ट्रॉमा प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी का कहना है कि मरीजों की शिफ्टिंग का मामला बेहद गंभीर है। इसमें जो भी स्टाफ संलिप्त मिलेगा उसे बाहर किया जाएगा।

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