काशी विश्वनाथ धाम के त्र्यंबकेश्वर सभागार में काशी वाराणसी साहित्य महोत्सव

काशी साहित्य महोत्सव:  प्रो. केजी सुरेश बोले- ऑनलाइन के दौर में पुस्तक पढ़ने के विकल्प बढ़ाने की जरूरत – Kashi Sahitya Mahotsav Prof. Kg Suresh Said Need To Increase Option Of Reading Books In Online Era

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काशी विश्वनाथ धाम के त्र्यंबकेश्वर सभागार में काशी वाराणसी साहित्य महोत्सव
– फोटो : अमर उजाला

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 राज्यसभा के पूर्व सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा ने कहा कि आज के परिवेश में सार्थक संवाद बहुत आवश्यक है। यह तभी संभव होगा जब इसके लिए बेहतर मंच हो। साहित्य का अवलोकन, पुनरावलोकन और स्वस्थ समाज के लिए लेखन, काशी साहित्य महोत्सव का यही उद्देश्य है। इस उद्देश्य को और गति देने का प्रयास होगा।  वह शुक्रवार को श्री काशी विश्वनाथ धाम के त्र्यंबकेश्वर सभागार में काशी वाराणसी विरासत फाउंडेशन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय काशी वाराणसी साहित्य महोत्सव के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

अध्यक्षता करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने कहा कि साहित्य की इस नगरी में यह आयोजन आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। साहित्य सभी के हृदय में है। 

विशिष्ट अतिथि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केजी सुरेश ने कहा कि साहित्य और पत्रकारिता के माध्यम से भारतीय समाज की सेवा अतुलनीय है।

ऐसे समय जब आज ऑनलाइन का बोल-बाला है, पुस्तक को हाथ में रखकर पढ़ने के विकल्प को बढ़ाए जाने की जरूरत है। साहित्य को सजाने और संवारने की आवश्यकता है। इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो. श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि साहित्य समाज को नई दिशा देने में सक्षम है। 

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