श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण

Mathura:श्रीकृष्ण जन्मस्थान केस में ईदगाह पक्ष ने कहा- हमें नहीं सुना गया, अमीन निरीक्षण 20 जनवरी तक टला – Shri Krishna Janmasthan Case Amin Survey Of Idgah Postponed Till January 20 In Mathura

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श्रीकृष्ण जन्मस्थान प्रकरण
– फोटो : अमर उजाला

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मथुरा की सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की अदालत में सोमवार को मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र देने के बाद ईदगाह में अमीन निरीक्षण की प्रक्रिया 20 जनवरी तक रुक गई। मुस्लिम पक्ष ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि उन्हें सुने बिना ही ईदगाह पर अमीन रिपोर्ट के आदेश किए हैं। अदालत अब पहले से सुनवाई के लिए तय तारीख 20 जनवरी को इस पर निर्णय लेगी।

आठ दिसंबर को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के केस में अदालत ने ईदगाह का अमीन निरीक्षण करने का आदेश दिया था। यह रिपोर्ट अमीन को 20 जनवरी तक अदालत में देनी थी। सोमवार को अदालत खुलते ही ईदगाह कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने दो प्रार्थना पत्र दिए। एक प्रार्थना पत्र से उन्होंने केस से संबंधित कागजात मांगे। दूसरे प्रार्थना पत्र से अमीन रिपोर्ट के आदेश को उस समय तक रोके जाने की मांग की, जब तक कि उनका पक्ष न सुन लिया जाए। 

अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए उनका पक्ष सुनने के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है। एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए 20 जनवरी तक अमीन निरीक्षण को रोक दिया है। वहीं वादी के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि अमीन रिपोर्ट के आदेश को रोकने का कोई आदेश अदालत ने नहीं किया है। प्रतिवादीगण को अमीन रिपोर्ट के आदेश पर सुनने के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है। 

दोनों पक्ष कर रहे अपने-अपने दावे

ईदगाह के अमीन निरीक्षण संबंधी आदेश 20 जनवरी तक टलने के बाद दोनों पक्ष अपने-अपने दावे कर रहे हैं। वादी पक्ष का कहना है कि उनका दावा शत प्रतिशत सही है और वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ व ईदगाह पक्ष के बीच हुआ दावा गलत है। मुस्लिम पक्ष ने केस के वादी होने पर सवाल खड़े किए हैं। कहा कि वादीगण प्रश्नगत संपत्ति से कोई संबंध ही नहीं रखते हैं।

वादी विष्णु गुप्ता के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि अदालत द्वारा ईदगाह की अमीन रिपोर्ट संबंधी आदेश किया गया है, वह विधिक न्यायिक प्रक्रिया के तहत किया है। सिविल संबंधी सभी वाद में अदालत द्वारा अमीन से पहले मौके की रिपोर्ट मंगाई जाती है उसके बाद आगे प्रक्रिया प्रारंभ होती है। 

अदालत ने अभी अमीन निरीक्षण के आदेश पर कोई रोक नहीं लगाई है, केवल प्रतिवादीगण को सुनने के लिए 20 जनवरी को तारीख तय की है। वादी विष्णु गुप्ता ने बताया कि ईदगाह श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन पर खड़ी है। उनके पास जमीन का मालिकाना हक तक नहीं है। यदि उनके पास मालिकाना हक के कागजात हैं तो वह सामने लाएं।

‘वादीगणों का जमीन से कोई संबंध नहीं’

ईदगाह के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि अमीन रिपोर्ट का आदेश उनको बिना सुने किया गया था। जितने भी वादीगण हैं वह जिस जमीन का दावा करते हैं उनका सीधे उस जमीन से कोई संबंध नहीं है। न उनके पक्ष में मालिकाना हक है और न ही और कोई कागजात। अधिवक्ता नीरज शर्मा ने बताया कि उन्होंने अदालत में एक प्रार्थना पत्र दिया है। 

उन्होंने अदालत से कहा है कि अमीन कमीशन जारी होने संबंधी जो आदेश किया गया है वह उसमें प्रतिवादी हैं और उन्हें सुने बिना ही अमीन कमीशन का आदेश जारी हुआ है। हमने अदालत से यह भी कहा है कि जारी आदेश में तीन दिन के अंदर पैरवी किए जाने के निर्देश थे परंतु वह पैरवी अभी तक नहीं की गई है। यदि कोई नया आदेश हो तो उन्हें भी सुना जाए। हमारे द्वारा केस से संबंधित सभी कागजात भी मांगे गए हैं।

मथुरा की सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) सोनिका वर्मा की अदालत में सोमवार को मुस्लिम पक्ष के प्रार्थना पत्र देने के बाद ईदगाह में अमीन निरीक्षण की प्रक्रिया 20 जनवरी तक रुक गई। मुस्लिम पक्ष ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि उन्हें सुने बिना ही ईदगाह पर अमीन रिपोर्ट के आदेश किए हैं। अदालत अब पहले से सुनवाई के लिए तय तारीख 20 जनवरी को इस पर निर्णय लेगी।

आठ दिसंबर को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के केस में अदालत ने ईदगाह का अमीन निरीक्षण करने का आदेश दिया था। यह रिपोर्ट अमीन को 20 जनवरी तक अदालत में देनी थी। सोमवार को अदालत खुलते ही ईदगाह कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद ने दो प्रार्थना पत्र दिए। एक प्रार्थना पत्र से उन्होंने केस से संबंधित कागजात मांगे। दूसरे प्रार्थना पत्र से अमीन रिपोर्ट के आदेश को उस समय तक रोके जाने की मांग की, जब तक कि उनका पक्ष न सुन लिया जाए। 

अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए उनका पक्ष सुनने के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है। एडवोकेट तनवीर अहमद ने बताया कि न्यायालय ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए 20 जनवरी तक अमीन निरीक्षण को रोक दिया है। वहीं वादी के अधिवक्ता शैलेष दुबे ने बताया कि अमीन रिपोर्ट के आदेश को रोकने का कोई आदेश अदालत ने नहीं किया है। प्रतिवादीगण को अमीन रिपोर्ट के आदेश पर सुनने के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है। 

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