[ad_1]
रिपोर्ट- कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. बस्ती जनपद मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर स्थित नगर थाना क्षेत्र के हरनखा गांव के लगभग सभी किसान आज देशी पान की खेती कर रहे हैं. इससे अच्छी खासी आमदनी भी अर्जित कर रहे हैं. हरनखा गांव 1980-90 के दशक से ही देशी पान के लिए मशहूर है. तभी से हरनखा गांव का देशी पान लोगों के मुंह की शोभा हुआ करता था. लेकिन घाटे की वजह से 2001 में किसानों ने पान उगाना बंद कर दिया था. वहीं, एक बार फिर देशी पान की बढ़ती डिमांड के बीच एक बार फिर से कई किसानों ने देशी पान उगाना शुरू कर दिया है. उससे लाखों की आमदनी भी अर्जित कर रहे हैं.
हरनखा गांव के किसान जगदीश प्रसाद ने बताया कि चुकी देशी पान एक नगदी फसल है. लिहाजा हम किसानों की पूरी आय इसी पर डिपेंड है, तैयार पान को मण्डी में ले जाकर बेच के तुरंत उसका नकद दाम मिल जाता है. जिससे हमारे घर के सभी जरूरी काम चलते हैं. बच्चों के पढ़ाई से लेकर उनकी शादी विवाह तक के सभी खर्चे पान के खेती से ही हो रहे हैं.
मेहनतकश खेती है देशी पान
किसान रामसुख ने बताया कि देशी पान की खेती काफी मेहनत और सजगता मांगती है. इसे उगाने के लिए हल्की धूप और अधिक पानी की जरूरत पड़ती है. गर्मी में इसे लू, बारिश में पानी और ठंड में इसे शीत से बचाना पड़ता है. इसके लिए पान के उपज के ऊपर बांस की मदद से पराली और मुजे से ढक्कर भीटा बनना पड़ता है. इसी पर पान के बेले पनपती हैं.
देशी पान की खेती के लिए ज्यादा लगता है पानी
जिला कृषि अधिकारी मनीष सिंह ने बताया कि पान के पौधों की रोपाई फरवरी- मार्च के महीने में की जाती है. इसके पौधे को एक बार रोपने के बाद उससे तीन साल तक फसल ली जाती है. देशी पान की खेती के लिए काफी पानी की भी जरूरत पड़ती है. पौधे रोपने के माहभर बाद से ही उसमे फसल आने लगते हैं. लेकिन पान के पत्तों की पहली तोड़ाई पांच माह बाद ही करनी चाहिए. इसके बाद 15-20 दिन के अंतराल पर किसान पान के पत्ते की तोड़ाई कर सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Agriculture department, Basti news, Farmer story, UP news
FIRST PUBLISHED : December 18, 2022, 07:31 IST
[ad_2]
Source link