Local 18 पड़ताल: जानिए कैसे हैं गाजियाबाद के सरकारी अस्पतालों के हालात, सामने आए कई चौंकाने वाले सच

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विशाल झा/गाजियाबाद. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सरकारी अस्पताल (District Hospitals) इन दिनों दवाओं की किल्लत से जूझ रहे हैं. इलाजे कराने पहुंच रहे मरीजों को दवा के लिए या तो घंटों इंतजार करना पड़ता है या फिर इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. इतना ही नहीं घंटों के इंतजार के बाद किसी का नंबर लग भी जाता है तो आधी ही दवा मिलती है और बाकी दवाओं को बहार से लेने को बोल दिया जाता है. जो की काफी महंगी होती हैं.

आलम ये है कि, पूरे जिले में शुगर के मरीजों को दवाएं मिल ही नहीं पा रही हैं. इसके साथ ही इंसुलीन के इंजेक्शन और रेबीज के लिए सीरम सहित कई मामूली दवाएं भी मिलना बंद हो गई हैं. सरकारी अस्पतालों में जनऔषधि केंद्र खोले गए थे, वह भी बंद हो गए है. इसके अलावा अस्पतालों में बीपी,थायराइड, एंटी एलर्जिक टेबलेट, गैस की दवाएं भी उपलब्ध नहीं हैं.

इलाज और दवा के लिए भटक रहे मरीज
NEWS 18 LOCAL से बात करते हुए राजवीर बताते हैं कि, उन्हें बुखार हुआ है, जिसके बाद पूरा शरीर दर्द कर रहा है. लेकिन जब दवा काउंटर पे पहुंचे तो उनको सिर्फ बुखार की दवा और एलर्जी की दवा दी गई. जबकि अन्य दो दवा जिनमें सिरप भी शामिल था. वो बहार से लाने को लिख दिया गया. राजवीर अपने साथ छोटे बच्चे को भी लाये थे और उस बच्चे को भी दवा नहीं मिल सकी. वहीं एक पेशेंट अर्चना का कहना है कि, वो भी एमएमजी अस्पताल में इलाज कराने आई थीं. उन्हें भी दवा लेने के लिए बाहर किसी मेडिकल स्टोर से लेने के लिए लिख दिया गया. इलाज कराने के लिए पहुंची आईशा ने बताया की अभी हाल फिलहाल में मल्टी विटामिन की पांच गोली उन्हें दो सौ रूपये में मिली. ऐसे में मरीज की समस्या और बढ़ जाती है.

खरीदी जा रही है दवाएं
NEWS 18 LOCAL की टीम ने जिला एमएमजी अस्पताल के सीएमएस मनोज कुमार मरीजों की परेशानियों को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि, हमारे वहां दवाओं की कोई दिक्कत नहीं है. कफ सिरप को छोड़ के सारी दवाएं उपलब्ध है. हालांकि साथ ही साथ ये भी कहा कि, जो दवाएं हमारे पास नहीं है उन्हें सरकार द्वारा रेट कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से ख़रीदा जा रहा है.

Tags: Ghaziabad News, Uttar pradesh news

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