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योगी सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए तैयार किया ये बड़ा प्लान

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(ममता त्रिपाठी)

लखनऊ. योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री बनने के साथ ही ‘हर हाथ को रोजगार’ इस मूल मंत्र पर काम करना शुरू कर दिया है. योगी का संकल्प है कि चाहे स्वरोजगार हो या नौकरी, कम से कम हर परिवार के पास आय के साधन होने चाहिए. सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि हर किसी को सरकारी या प्राइवेट नौकरी दे पाना संभव नहीं है इसलिए स्वरोजगार की तरफ भी युवाओं में आकर्षण पैदा हो इसी सोच के साथ योगी सरकार ने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की शुरूआत की है.

इस योजना के तहत गरीब तबके से जुड़े कुम्हार, नाई, मोची जैसे कामगार शामिल होंगे. सरकार इनके हुनर को नई प्रौद्योगिकी के साथ जोड़कर और मशीने देकर बैंक से लोन भी कराने में मदद करेगी. जिससे कि ये अपना और अपने परिवार का जीवन यापन अच्छे से कर सकें. एमएसएमई विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल नेबताया, ‘योगी सरकार का फोकस है कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रशिक्षित किया जाए ताकि उन्हें रोजगार मिलने में दिक्कत ना आए. सरकार विश्वविद्यालय और कॉलेज स्तर पर एक उद्यमिता पाठयक्रम की शुरुआत करने जा रही है जिसमें इच्छुक विद्यार्थी एक घंटे का ऑनलाइन क्लास ले सकता है.’

उद्यम सारथी ऐप
उन्होंने आगे बताया कि “उद्यम सारथी ऐप” भी एमएसएमई विभाग ने बनाया है जिसको फोन पर डाउनलोड करके सरकार की योजनाओं के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं. सहगल ने कहा, ‘ जो बच्चे प्रशिक्षण क्लास लेंगे उनको संस्था से प्रमाण पत्र के अलावा बैंक लिंकेज से लेकर उद्यम स्थापित करने तक अन्य सारी मदद भी हमारे विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी. ओडीओपी योजना के जरिए हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच सालों में निर्यात और रोजगार के अवसरों को दोगुना करें, विभाग उसी दिशा में काम कर रहा है’.

‘हर गरीब का हक है रोजगार’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भी अपने बयानों के जरिए ये साफ कर दिया है कि हर गरीब का हक है रोजगार…और ये सरकार प्रतिबद्ध है अपने लोगों के लिए. आपको बता दें कि प्रदेश की योगी सरकार ने पांच लाख युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा है. सरकार का मानना है कि हर परिवार में एक रोजगार तभी संभव है जब युवा अपना उद्यम लगाकर काम करें. उद्यम स्थापित करने में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग के साथ साथ एक जिला एक उत्पाद, विश्वकर्मा सम्मान जैसी योजनाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. इन योजनाओं के जरिए सरकार की मंशा है कि हुनरमंद लोगों को प्रोत्साहित किया जाए ताकि वो औरों को भी इससे जोड़े और सबको इसका लाभ मिले.

विश्मकर्मा योजना  का फायदा
रामकिशन, कुशीनगर में 12 साल से मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते थे, पिछली योगी सरकार में माटी कला बोर्ड के अधिकारियों ने इनसे मुलाकात की और इनके काम को देखते हुए सरकार की विश्मकर्मा योजना के बारे में बताया. रामकिशन को प्रशिक्षण दिया कि अपने हुनर को और लोगों तक ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने के लिए मशीनों से कैसे काम किया जाए. फिर विभाग के अधिकारियों ने बैंक से बातचीत रामकिशन को बैंक से कम ब्याज पर लोन दिलाया. आज उसके बनाए मिट्टी के बर्तन दिल्ली, बंगलौर और मुंबई में भेजे जा रहे हैं साथ ही 10 और लोगों को इस उद्यम के जरिए रोजगार मिला हुआ है.

एक परिवार एक रोजगार
नवनीत सहगल कहते हैं सरकार का एक परिवार एक रोजगार का लक्ष्य बड़ा है इसलिए हमारा लक्ष्य है कि इन योजनाओं के जरिए प्रशिक्षण लेने वाले इच्छुक युवाओं का चयन अप्रैल में ही हो जाए ताकि मई से खादी के स्थानीय केन्द्रों पर ट्रेनिंग कैम्प की शुरुआत की जा सके. सरकार ने अगले दो साल में पांच लाख युवाओं को उद्यमी बनाने का लक्ष्य रखा है.

तीन करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ की पिछली सरकार में इन्ही योजनाओं के जरिए तीन करोड़ से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिला और स्वरोजगार के जरिए उद्यमी बने. अकेले ओडीओपी योजना से 22 लाख से अधिक स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हुए. उत्तर प्रदेश निर्यात के मामलों में नम्बर वन स्टेट इसी वजह से बन पाया है. यहां के लोकल उत्पादों की धमक बड़े शहरों और बाहर के देशों में भी खूब है.

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Tags: CM Yogi Aditya Nath, Employment

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