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मुरादाबाद में गश्त करती पुलिस
– फोटो : पीआरओ
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सरकारी गनर या शेडो एक दौर में मंत्री, जनप्रतिनिधि और वीवीआईपी के साथ ही नजर आते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। समाज में हनक बनाने और खुद को औरों से अलग दिखाने के लिए तमाम लोगों ने सरकारी खाते से गनर ले रखे हैं।
जिले में 38 लोग ऐसे हैं, जो अपनी जेब से पैसा देकर हथियारबंद वर्दीधारी साथ लेकर घूम रहे हैं। इनमें राजनीतिक लोगों के अलावा निर्यातक, कारोबारी, शिक्षण संस्थाओं के संचालक शामिल हैं। ऐसे लोग हर माह 33.60 लाख रुपये सरकारी खजाने में जमा कराए जा रहे हैं। इस हिसाब से हर साल गनर पर चार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
इनमें से 10 लोग सरकारी गनर का 100 प्रतिशत भुगतान करते हैं। इस श्रेणी वालों में प्रति व्यक्ति 1.20 लाख रुपये मासिक लिया जाता है यानी सौ फीसदी भुगतान करके गनर लेने वालों से 12 लाख रुपये हर माह सरकारी खजाने में पहुंचते हैं।
इसके अलावा 22 लोग 75 प्रतिशत भुगतान करके सरकारी गनर की सुविधा ले रहे हैं। इन लोगों से हर महीने 19.80 लाख रुपये वसूले जाते हैं। जिले में छह लोग ऐसे हैं, जिन्हें 25 प्रतिशत भुगतान पर गनर मिला हुआ है।
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